Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर (Ram Mandir) में अब कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा। आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद उनकी जगह लेने के लिए कोई नया मुख्य पुजारी नियुक्त नहीं किया जाएगा। इस फैसले की जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी है।
6 महीने पहले ही हो गया था फैसला
चंपत राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ट्रस्ट ने 6 महीने पहले ही आचार्य सत्येंद्र दास से इस विषय पर चर्चा की थी और तब यह तय हो गया था कि उनके बाद कोई नया मुख्य पुजारी नहीं बनाया जाएगा।
क्या है इसके पीछे की वजह?
इस निर्णय के पीछे कई कारण बताए गए हैं। चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर (Ram Mandir) का प्रबंधन बहुत ही संगठित तरीके से चल रहा है और मुख्य पुजारी की जरूरत महसूस नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय अतिशयोक्ति नहीं है, बल्कि मंदिर की धार्मिक और प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए लिया गया है।
अब कैसे होगी रामलला की पूजा?
रामलला की पूजा और अनुष्ठान की जिम्मेदारी अब अन्य पुजारियों की एक टीम संभालेगी। यह पुजारी नियमित रूप से मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और भक्तों की सेवा में लगे रहेंगे।
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आचार्य सत्येंद्र दास का योगदान
आचार्य सत्येंद्र दास 1993 से रामलला के मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दे रहे थे। उनकी विद्वत्ता और निष्ठा की वजह से वे श्रद्धालुओं और ट्रस्ट के सदस्यों के बीच अत्यधिक सम्मानित थे। उनके निधन को अयोध्या के धार्मिक जगत में एक बड़ी क्षति माना जा रहा है।
क्या ट्रस्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा?
फिलहाल ट्रस्ट ने साफ कर दिया है कि राम मंदिर (Ram Mandir) में किसी नए मुख्य पुजारी की नियुक्ति नहीं होगी। हालांकि, भविष्य में यदि कोई बदलाव होता है तो इस पर विचार किया जा सकता है।
